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किसानों द्वारा किए जा रहे भारत बंद का सम्पूर्ण समाज पार्टी ने किया समर्थन- पढ़िए खबर


तीन कृषि कानूनों में केंद्र सरकार द्वारा अभी हाल ही में किए गए संशोधनों से गुस्साए किसान  दिल्ली- हरियाणा बॉर्डर पर अपना धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सम्पूर्ण समाज पार्टी ने किसानों की मांगों तथा की मांगों को लेकर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है। सम्पूर्ण समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेन्द्र मंगल पाण्डेय ने एक वक्तव्य में बताया कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून में जो संशोधन किए हैं वह जल्दबाजी में किए गए हैं। देश की 75% आबादी कृषि एवं कृषि कार्यों पर निर्भर है। देश की आर्थिक स्थिति किसानों की आर्थिक दशा पर निर्भर करती है। 

ऐसे में किसानों के संबंध में किसी भी कानून में संशोधन करने की पूर्व सभी किसान संगठनों से चर्चा कर उन्हें विश्वास में लिया जाना था परंतु केंद्र सरकार ने केवल बड़े उद्योगपतियों एवं बड़े कारपोरेट घरानों के सुझाव पर बिना किसान संगठनों से विचार किए ये संशोधन कर डाले। यद्यपि केंद्र सरकार ने ढिंढोरा पीटा की इन संशोधनों से किसानों को ही फायदा होगा और वे अपनी सुविधानुसार फसल उगा सकेंगे, कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग कर सकेंगे एवं अपनी फसल कहीं भी बेच सकेंगे।  वस्तुत: किसान आज भी अपनी फसल उगाने, कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग करने एवं मंडी में या मंडी से बाहर अपनी फसल बेचने हेतु स्वतंत्र है। परंतु वास्तव में इन संशोधन ने बड़े कारपोरेट घरानों को मंडिया खोलने, असीमित अनाज भंडारण करने, अपनी शर्तो पर किसान से कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग करने तथा अपनी शर्तो पर फसल और उसके मूल्यों को निर्धारण करने की छूट दे दी है। 

और यही किसानों की उत्तेजना के कारण हैं। यद्यपि केंद्र सरकार कह रही है कि वह एमएसपी याने न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती रहेगी तथा किसान को उनका लाभ मिलता रहेगा परंतु कानूनों में इसका उल्लेख ना होने से सरकार की कथनी करनी में अंतर दिखाई दे रहा है और यही किसानों के असंतोष का एवं आंदोलन पनपने का कारण है। स्पष्ट है किसान संगठनों कि मांगें जायज है। यद्यपि उनका सभी संशोधनों को वापस लेने की मांग संभवत उचित नहीं लगे परन्तु जो संशोधन हो चुके हैं उनमें तथा पुराने  कृषि कानून में नए संशोधन क्या होना चाहिए यह स्पष्ट प्रस्ताव रखना केंद्र सरकार का काम है ताकि किसान संगठनों से सार्थक चर्चा हो सके।